Recent Posts

Labels

केरल चुनाव:संभलकर बढ़ रहे विजयन, घोषणा से पूर्व 3 फैसले वापस लिए

शनिवार, 27 फ़रवरी 2021
बंगाल जैसा पेंटिंग प्रचार केरल में भी हो रहा।
3.85 करोड़ आबादी है केरल की,14 जिले हैं राज्य में
96.2% केरल की साक्षरता दर है, 4.12% जीडीपी में योगदान

Ravindra Choudhary | Thenews-tv.com | February 2, 2021

केरल में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होंगे। शायद इसके संकेत केरल सरकार को पहले मिल गए थे। तभी पिछले 4 दिन में एलडीएफ की पी. विजयन सरकार ने अपने 3 बड़े फैसले बदल डाले। वजह... राज्य सरकार के तीनों कदम चुनावी मुद्दे बनते जा रहे थे।

कांग्रेसनीत विपक्षी गठबंधन यूडीएफ इन पर मुखर था। यहां का चुनावी माहौल इसी से भांप सकते हैं कि दो महीने पहले हुए स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी जीत के बावजूद सत्तारूढ़ एलडीएफ न सिर्फ फूंक-फूंककर कदम रख रही है, बल्कि पीछे हटने से भी उसे गुरेज नहीं है।

चुनाव तारीख के ऐलान से एक दिन पहले विजयन सरकार ने सबरीमाला और सीएए आंदोलन में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस वापस ले लिए हैं। राज्य में लंबे समय से नायर सर्विस सोसायटी और यूडीएफ केसों को वापस करने की मांग कर रही थी। नायर सर्विस राज्य की बड़ी धार्मिक सोसायटी है। इस समुदाय के राज्य में 14.5% मतदाता हैं।

इसी के लोग सबरीमाला आंदोलन में सबसे आगे थे। आंदोलन में 87,600 लोगों पर केस दर्ज किए गए थे। 16,700 लोग हिरासत में लिए गए थ। विजयन सरकार के खिलाफ पीएससी रैंक होल्डर्स एक महीने से तिरुवनंतपुरम में विधानसभा के आगे धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं।

उनसे मिलने दो दिन पहले राहुल गांधी भी पहुंचे थे। राहुल के इस मुद्दे को उठाए के चलते ही बुधवार को विजयन सरकार ने अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में 361 नई पोस्ट क्रिएट करने का निर्णय लिया।

विजयन सरकार ने गुपचुप तरीके से कुछ दिन पहले फिशिंग डील की थी। 2950 करोड़ की इस डील का मुद्दा नेता प्रतिपक्ष ने उठाया। तब विजयन कैबिनेट ने इस डील को कैंसिल कर दिया। कोच्चि में सेंटर्स फॉर पब्लिक रिसर्च के चेयरमैन डॉक्टर धनुराज कहते हैं कि विजयन वोट खोने के डर के चलते ही फैसले बदलने को मजबूर हुए हैं, क्योंकि राज्य में 4% से 5% वोट स्विंग सरकार बदल देता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें